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Showing posts from July, 2015

न्यायालय,जो लोकतंत्र की मर्यादा का रक्षक है

न्यायालय,जो लोकतंत्र की मर्यादा का रक्षक है, न्यायालय,जो भारत की संप्रभुता का संरक्षक है, न्यायालय,जो घावों पर औषधि का लेप लगाता है, न्यायालय,जो पीढ़ित को सच्चा इन्साफ दिलाता है, उसी न्याय के मंदिर पर कीचड़ फेंका शैतानों ने, ओवैसी ने जूता मारा,थूंक दिया सलमानों ने, जिस मेमन के तार जुड़े थे पाकिस्तानी गलियों में, जिस मेमन का दाम लगा था दाऊद की रंगरलियों में, जो मेमन दहशतगर्दों का,प्यारा राज़ दुलारा था, जो मेमन मुम्बई नगरी का कातिल था हत्यारा था, उस मेमन की फांसी को नाजायज़ बोला जाता है, न्यायालय के निर्णय को मज़हब से तौला जाता है, नर्तक,भांड,विदूषक,नैतिक पाठ पढ़ाने निकले हैं, धर्मराज को दुर्योधन इन्साफ सिखाने निकले हैं, लोमड़ियां भी देखो मुँह में घास दबाये बैठी हैं, सांपो की औलादें,अमृत कलश सजाये बैठी हैं, कौए का अंडा इनको अखरोट दिखाई देता है, भारत की हर परम्परा में खोट दिखाई देता है, ये वो हैं जो फुटपाथों पर कार चढाने वाले हैं, ये वो हैं जो कौशल्या को गाली देने वाले हैं, सदा बाबरी पर रोये, ना बोले मथुरा काशी पर, मेमन पर बोले,ना बोले सरबजीत की फांसी पर, खून मुगलिया जिनके अंदर उनका "गौरव...

एक मासूम कहानी

एक व्यक्ति आफिस में देर रात तक काम करने के बाद थका-हारा घर पहुंचा . दरवाजा खोलते ही उसने देखा कि उसका छोटा सा बेटा सोने की बजाय उसका इंतज़ार कर रहा है . अन्दर घुसते ही बेटे ने पूछा —“ पापा , क्या मैं आपसे एक प्रश्न पूछ सकता हूँ ?” “ हाँ -हाँ पूछो , क्या पूछना है ?” पिता ने कहा . बेटा - “ पापा , आप एक घंटे में कितना कमा लेते हैं ?” “ इससे तुम्हारा क्या लेना देना …तुम ऐसे बेकार के सवाल क्यों कर रहे हो ?” पिता ने झुंझलाते हुए उत्तर दिया . बेटा - “ मैं बस यूँ ही जाननाचाहता हूँ . प्लीज बताइए कि आप एक घंटे में कितना कमाते हैं ?” पिता ने गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए कहा , नहीं बताऊंगा , तुम जाकर सो जाओ “यह सुन बेटा दुखी हो गया …और वह अपने कमरे में चला गया . व्यक्ति अभी भी गुस्से में था और सोच रहा था कि आखिर उसके बेटे ने ऐसा क्यों पूछा ……पर एक -आध घंटा बीतने के बाद वह थोडा शांत हुआ , फिर वह उठ कर बेटे के कमरे में गया और बोला , “ क्या तुम सो रहे हो ?”, “नहीं ” जवाब आया . “ मैं सोच रहा था कि शायद मैंने बेकार में ही तुम्हे डांट दिया। जब पत्नी ने कहा पति से ‘अभी घर जाने का करो इंतजार दरअसल दिन भर...

मज़हब

नफ़रतों का असर तो देखो........ •••  जानवरो तक का बटवारा हो गया गाय हि न्दू और बकरा मुसलमान हो गया •••  मन्दिर में हिन्दू दिखे मस्ज़िद में मुसलमान शाम को जब मैखाने गए तब जा के दिखे इन्सान ••• येपेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं ! अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं •••   सूखे मेवे भी ये देख कर हैरान हो गए.., न जाने कब नारियल हिन्दू और खजूर मुसलमान हो गए...... ••• न मस्जिद को जानते हैं , न शिवालों को जानते हैं जो भूखे पेट होते हैं,वो सिर्फ निवालों को जानते हैं. •••   मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है. की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है...... ••• में अमन पसंद हूँ ,मेरे शहर में ना दंगा रहने दो... लाल और हरे में मत बांटो , मेरी छत पर तिरंगा रहने दो.... •••  ऐ चाँद तू किस मज़हब का है....?  ईद भी तेरी करवा-चौथ भी तेरा । •••  क्या हिन्दू क्या मुसलमान  स ब को  प्यारा हैं हिन्दुस्तान ....!! 

पापा की नन्ही कलि

एक औरत गर्भ से थी पति को जब पता लगा  की कोख में बेटी हैं तो  वो उसका गर्भपात करवाना चाहते हैं  दुःखी होकर पत्नी अपने पति से क्या कहती हैं :- 🙏 सुनो, ना मारो इस नन्ही कलि को, वो खूब सारा प्यार हम पर लुटायेगी, जितने भी टूटे हैं सपने, फिर से वो सब सजाएगी.. 😒 सुनो, ना मारो इस नन्ही कलि को, जब जब घर आओगे तुम्हे खूब हंसाएगी, तुम प्यार ना करना बेशक उसको, वो अपना प्यार लुटाएगी.. 😡 सुनो ना मारो इस नन्ही कलि को, हर काम की चिंता एक पल में भगाएगी, किस्मत को दोष ना दो, वो अपना घर आंगन महकाएगी.. 😑ये सब सुन पति अपनी पत्नी को कहता हैं :- 👩 सुनो में भी नही चाहता मारना इसनन्ही कलि को, तुम क्या जानो, प्यार नहीं हैं क्या मुझको अपनी परी से, पर डरता हूँ समाज में हो रही रोज रोज की दरिंदगी से.. 😳 क्या फिर खुद वो इन सबसे अपनी लाज बचा पाएगी, क्यूँ ना मारू में इस कलि को, वो बहार नोची जाएगी.. में प्यार इसे खूब दूंगा, पर बहार किस किस से बचाऊंगा, 😨 जब उठेगी हर तरफ से नजरें, तो रोक खुद को ना पाउँगा.. क्या तू अपनी नन्ही परी को, इस दौर में लाना चाहोगी, 😞 जब तड़फेगी वो नजरो के आगे, क्या वो सब...