मज़हब

नफ़रतों का असर तो देखो........ ••• 
जानवरो तक का बटवारा हो गया गाय हिन्दू और बकरा मुसलमान हो गया ••• 
मन्दिर में हिन्दू दिखे मस्ज़िद में मुसलमान शाम को जब मैखाने गए तब जा के दिखे इन्सान •••
येपेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं !
अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं ••• 
सूखे मेवे भी ये देख कर हैरान हो गए.., न जाने कब नारियल हिन्दू और खजूर मुसलमान हो गए...... •••
न मस्जिद को जानते हैं , न शिवालों को जानते हैं जो भूखे पेट होते हैं,वो सिर्फ निवालों को जानते हैं. ••• 
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है. की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है...... •••
में अमन पसंद हूँ ,मेरे शहर में ना दंगा रहने दो...
लाल और हरे में मत बांटो ,मेरी छत पर तिरंगा रहने दो.... ••• 
ऐ चाँद तू किस मज़हब का है....? ईद भी तेरी करवा-चौथ भी तेरा । ••• 
क्या हिन्दू क्या मुसलमान को प्यारा हैं हिन्दुस्तान ....!! 

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